Computer Fundamental In Hindi
इस लेख में कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण विषय फंडामेंटल ऑफ़ कंप्यूटर(Fundamental Of Computer In Hindi) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जानेगे की कंप्यूटर कैसे काम करता है। कंप्यूटर की संरचना कंप्यूटर के प्रकार कंप्यूटर के इनपुट और आउटपुट डिवाइस आदि और इस कंप्यूटर फंडामेंटल की नोट्स को एक पीडीएफ के रूप में डाउनलोड करने देंगे।
कंप्यूटर (Computer) यह एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है। और बोहत कम समय में ज्यादा गणिति और लॉजिकल प्रक्रिया करने में सक्षम है। इसके अलावा बड़े पैमाने में जानकारी स्टोर करके रखता है और उसपर उचित प्रक्रिया करता है। कंप्यूटर का उपयोग ऑफिस ऑटोमेशन ,लेटर राइटिंग ,ड्राइंग,ग्राफ्स वैसेही चालू करंट जानकारी का विश्लेषण करके भविष्य का रिजल्ट निकालने के लिए होता है।
Analog Computer - एनालॉग कंप्यूटर :- इस कंप्यूटर की मद्त से दो बातो के बिच के साधर्म्य को दर्शाया जाता है। उदा .पानी के टंकी की पानी की खोलता का माप काटे के मद्त से की जाती है। या गाड़ी का स्पीडो मीटर ,स्ट्याबिलाइज़र में उपयोग किए जानेवाले वोल्टेज इंडिकेटर ,आदि ये सब एनालॉग कंप्यूटर की उदाहरण है।
Digital Computer - डिजिटल कंप्यूटर :- जिस कंप्यूटर में डाटा डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर किया जाता है प्रोसेस किया जाता है और आउटपुट डिजिटल फॉर्मेट में ही मिलता है ऐसे कंप्यूटर को डिजिटल कंप्यूटर कहते है।
Super Computer - सुपर कंप्यूटर :- सुपर कंप्यूटर एक शक्तिशाली कंप्यूटर है। इसका उपयोग हम आम व्यक्ति नहीं कर सकते इस का उपयोग बड़े साइंटिस्ट या एक्सपर्ट ही कर सकते है। खास तौर पर इसका उयपोग प्रोद्योगिकी ,शोध के लिए होता है। पहला सुपर कंप्यूटर 1964 में कंट्रोल डाटा कॉर्प से सीडीसी 6600 है। भारत द्वारा बनाया गया पहला कंप्यूटर PARAM 10000 है।
Mainframe Computer - मेनफ़्रेम कंप्यूटर :- महान प्रसंस्करण गति और डेटा भंडारण में सक्षम हैं। बीमा कंपनियों द्वारा बड़े डेटा को स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाता है। पहला मेनफ्रेम कंप्यूटर हार्वर्ड मार्क है। इसे उस वक़्त त्यार करने में लगभग 200,000 डॉलर। 2020 के अनुसार यह रकम 14625700.00 रुपए इतनी होती है।
Mini Computer - मिनी कंप्यूटर :- मेनफ्रेम कंप्यूटर की तुलना में कम से कम शक्तिशाली हैं लेकिन व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। वे इंजीनियरिंग ,साइंटिफिक ,डाटा बेस मैनेजमेंट और छोटे सर्वर के रूप में इसका उयपोग किया जाता है। पहला मिनी कंप्यूटर PDP-1 है जो की DEC नामक कंपनीने 1960 में तयार किया था।
Micro Computer - माइक्रो कंप्यूटर :- कम से कम शक्तिशाली लेकिन व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले और तेजी से बढ़ते कंप्यूटर हैं। इनका उयपोग हम आम लोग करते है वे हमारे पढ़ाई ,छोटे व्यापार , ऑनलाइन ट्रांजेक्शन आदि में काम आते है। माइक्रो कंप्यूटर के चार प्रकार है |
( 1 ) Desktop Computers - डेस्कटॉप कंप्यूटर :- डेस्कटॉप कंप्यूटर आम तौर पर हम अपने जरूरत के हिसाब से असेम्ब्ल कर सकते है। वे चलने में तेज होते है पर वे मेज पर फिट होने के कारण चारों ओर ले जाने के लिए बहुत बड़े और भारी होते है।
( 2 ) Notebook Computer - नोट बुक कंप्यूटर :- नोटबुक कंप्यूटर को लैपटॉप के रूप में भी जाना जाता है कंप्यूटर पोर्टेबल हल्के होते हैं और अधिकांश ब्रीफकेस में फिट होते हैं। वे भी चलने में स्मार्ट और तेज है।
( 3 ) Tablet PC - टैबलेट पीसी :- टेबलेट पीसी नोटबुक कंप्यूटर का प्रकार है जो हाथ से लिखना स्वीकार करता है।
( 4 ) Handheld Computer - हैंडहेल्ड में कंप्यूटर :- सबसे छोटे हैं और एक हाथ की हथेली में फिट करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। जिसे पाम कंप्यूटर के नाम से भी जाना जाता है। पीडीए (पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट) व्यापक रूप से हैंडहेल्ड कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है।
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU ) :- CPU याने कंप्यूटर का दिमाग है। गणिति प्रक्रिया ,तुलना , आदि या आदेशों को प्रोसेस करना इसके आलावा कंप्यूटर को जुड़े हुवे और डिवाइसो पर नियंत्रण रखने का काम CPU करता है।
C.P.U Cabinet :- किसीभी कंप्यूटर सिस्टम में सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट एक चौकोनी बॉक्स के स्वरूप में रहता है। इस बॉक्स को सीपीयू कैबिनेट कहते है। कंप्यूटर यूज़ किये जानेवाले सारे इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स इस कैबिनेट में फिट किये जाते है।
कंप्यूटर का ब्लॉक डायग्राम
कंप्यूटर के फायदे और नुकसान
कंप्यूटर की पीढ़िया
मेमोरी यूनिट,कण्ट्रोल यूनिट वैसेही अरिथमैटिकल और लॉजिकल यूनिट (ALU )।
( A ) मेमोरी यूनिट :- इस यूनिट में इनपुट यूनिट के औरसे आईहुई जानकारी और तयार हुई रिजल्ट स्टोर की जाती है। कंप्यूटर मेमोरी विशिष्ट यूनिट में मापीजा सकती है।
1 ) इंटरल मेमोरी 2 ) एक्सटर्नल मेमोरी
( B )A और L (Arithmetical and Logical ) Unit - A and L का पूर्ण रूप Arithmetical और Logical Calculations इनकी प्रोसेस जिस यूनिट में की जाती है वे यूनिट है।
इनपुट यूनिट में आयहुवा डाटा Calculation Analysis या तुलना इनकेजेसे गणिति या तुलनात्मक क्मोकेलिए आया है की नहीं ये देखा जाता है। और ऐसी प्रोसेस करना रहा वो प्रोसेस या यूनिट में होती है। और फिर तयार हुवा रिजल्ट मेमोरी में भेजा जाता है। याने ये सब चालू रहते या सब बातो पर कण्ट्रोल यूनिट का नियंत्रण रहता है।
( C ) Control Unit - कण्ट्रोल यूनिट :- इनपुट की हुई जानकारी इनपुट करके ,वैसे ही उसे मेमोरी के और भेजा जाना या उसपर कैलकुलेशन और प्रोसेसिंग करना ,तयार हुवे रिजल्ट आउटपुट यूनिट की और भेजना इस टाइप के सभी क्रियापर कण्ट्रोल यूनिट का नियंत्रण रहता है। याने कण्ट्रोल यूनिट ये C.P.U. का ऐसा भाग है की वो कंप्यूटर का कोणता भी काम चालू रहते खुद का नियंत्रण उसपर रखता है।
प्राइमरी मेमोरी (Internal Memory ) :- इसे कंप्यूटर की प्राथमिक मेमोरी के नाम से भी जनजाता है। इंटरनल मेमोरी के बिना कंप्यूटर का उपयोग किया ही नहीं जा सकता। ये मेमोरी कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर ही स्थित रहती है। ये मेमोरी सिलिकॉन चिप्स के स्वरूप में रहती है।
( i ) RAM (Random Access Memory ) - कंप्यूटर के इस मेमोरी में स्टोर जानकारी बिजली प्रवाह चालू रहते तक उपयोग किया जाता है। बिजलिप्रवाह बंद हुवा की ये जानकारी पूरी तरह डिलीट हो जाती है। इसीलिए इस मेमोरी को टेम्पररी मेमोरी (Volatile Memory ) कहा जाता है।
( ii ) ROM (Read Only Memory ) - इस मेमोरी में जानकारी हम सिर्फ पढ़ सकते है पर मूल जानकारी को हम बदल नहीं सकते। इसीलिए ROM Memory (Read Only Memory ) कहा जाता है। कंप्यूटर बांध किया तोभी इस मेमोरी की जानकारी डिलीट नहीं होती। कंप्यूटर चालू होते वक़्त महत्वपूर्ण प्रोग्राम इस मेमोरी में स्टोर रहता है।
( iii ) Cache Memory - ये एक टेम्पररी मेमोरी के तौर पर जनजाती है। प्रोसेसर को एक टाइम में कोणता डाटा होना इसका केच मेमोरी अंदाज लगता और वो डाटा केच मेमोरी में लोड किया जाता है। वैसेही किसी डाटा पर बारबार प्रोसेस होनेपर ,उसे आगे डाटा प्रोसेसर को फिर लगनेवाला होगा ऐसे समज के ,वो डाटा केच मेमोरी में लोड किया जाता है।
एक्सटर्नल मेमोरी याने कंप्यूटर के इंटरनल मेमोरी की साथ जोड़ी हुई और एक मेमोरी है। इस मेमोरी में कुछ मेमोरी डिवाइस रहते है।
( A ) मैग्नेटिक डिस्क या हार्ड डिस्क :- बड़े पैमाने की जानकारी स्टोर करने के लिए इस डिवाइस को उपयोग किया जाता है। (आकृति क्र .4 देखे ) इसमें एकके बदले अनेक डिस्क रहती है। प्र्तेक डेस्कके दोनो पृष्टोभागो पर जानकारी स्टोर रहती है। दोनों डिस्कके दोनो पृष्टोभागो की रीडराइट करने वाले दोनों हेड्स के जैसे एक हार्डडिस्क में अनेक हेड्स रहते है। इसलिए डिस्क की जानकारी पढनेकी वैसेही लिखने की स्पीड ज्यादा रहती है।
( A ) CD (कॉम्पैक्ट डिस्क ) - मार्किट में इस प्रकारकी ब्लेंक CDs मिलती है। अलगअलग प्रकारका डाटा उदा.ऐतिहासिक डाटा , डाटाबेस , कंप्यूटर के द्वारा बनाई किताबोका डाटा , आदि हमको इस प्रकार की सीडीज स्टोर करती आती है। मात्र वे डाटा एकबार सीडी में स्टोर करनेके बाद इरेस कर नहीं सकते। इसकी क्षमता 650 MB से 1 GB इतनी होती है। इसपर एकही बाजु से डाटा स्टोर किया जाता है। इसके कुछ प्रकार है।
( i ) CD -ROM - अलगअलग सॉफ्टवेयर , निश्चित प्रकारकी (न बदलनेवाली ) जानकारी, डाटाबेस ,सन्दर्भकीताब इन्हे स्टोर करनेकेलिए इसका उपयोग करता है। इसकी क्षमता 650 MB से 1 GB इतनी रहती है। इसपर एक बाजूसे डाटा स्टोर किया जाता है। पहले जानकारी स्टोर की हुई सीडीज मार्किट में उपलब्ध है। उदा .सांग , फिल्म,कंप्यूटर गेम्स ,सॉफ्टवेयर ,यूजर मनुएल्स आदि, प्रकारकी जानकारी स्टोर की हुई सीडीज मिलती है।
( ii ) CD -R - बाजार में इस प्रकार की ब्लेंक सीडीज मिलती है। अलगअलग प्रकारके डाटा उदा . ऐतिहासिक डाटा,डाटाबेस,कंप्यूटर के द्वारा तयार किये जाते है। इसकी भी क्षमता 650 MB, से 1 GB इतनी रहती है।
( iii ) CD -RW - इसका उपयोग करके हमे इसका कितने भी बार डाटा स्टोर करते आता है। या इसमें बदलाव करते आता है। या पहले का डाटा निकालके इरेस करके नया डाटा इसपर कॉपी करसकते है। इसकी क्षमता 650 MB से 1 GB इतनी रहती है। इसपर एकहि बाजूसे डाटा स्टोर किया जासकता है। इसका उपयोग फ्लॉपी डिस्क की तरह करते आता है।
नए टेक्नोलॉजी पर आधारित cd से ज्यादा अधिक जानकारी स्टोर क्षमता रखने वाला यह डिस्क है। इसकी क्षमता सीडी से याने 4 .7 GB से 17 GB इतनी रहती है। इसके भी CD -ROM ,CD -R , CD -RW के जैसे ही DVD -ROM , DVD -R और DVD -RW ऐसे प्रकार है।
( i ) DVD -ROM :- अलगअलग सॉफ्टवेयर,निश्चित प्रकारकी (न बदलनेवाली ) जानकारी,डाटाबेस ,सन्दर्भ किताब,फिल्म,कम्प्यूटर गेम्स,इनको स्टोर करनेके लिए उपयोग किया जाता है। पहलेही जानकारी स्टोर की गई इस प्रकारके डिवीडीज बाजार में उपलब्ध है। इसमें पहले से स्टोर की गई जानकारी को हमे किसी भी तरह से बदलते नहीं आती। या डिलीट करते नहीं आती।
( ii ) DVD -R :-अलगअलग सॉफ्टवेयर,निश्चित प्रकारकी (न बदलनेवाली ) जानकारी,डाटाबेस ,सन्दर्भ किताब,फिल्म,कम्प्यूटर गेम्स,इनको स्टोर करनेके लिए उपयोग किया जाता है। पहलेही जानकारी स्टोर की गई इस प्रकारके डिवीडीज बाजार में उपलब्ध है। इसमें पहले से स्टोर की गई जानकारी को हमे किसी भी तरह से बदलते नहीं आती। या डिलीट करते नहीं आती।
( iii ) DVD -RW :- इसका उपयोग करके हमे इसमें कितने भी बार डाटा स्टोर करसकते है। या इसमें बदल करते आता है। या स्टोर डाटा को डिलीट करके दूसरा नया डाटा स्टोर करसकते है।
( C ) Pen Drive - पेन ड्राइव (फ़्लैश ड्राइव /थंब ड्राइव ) :- इस प्रकारके ड्राइव ये कंप्यूटर को USB PORT की मद्त से सरलता से जोड़ा जाता है। इसकी क्षमता 4 GB से 1 TB तक रहती है। आजकल कंप्यूटर का डाटा और इनफार्मेशन ट्रांसफर करनेकेलिए पेन ड्राइव का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। इसकी जानकारी सरलता से कंप्यूटर पर ट्रांसफर करते आती है। वैसे ही जो जानकारी डिलीट करना है उसे डिलीट कर सकते है( आकृति 5 देखे )।
( D ) Flash Memory Cards - फ़्लैश मेमोरी कार्ड्स :- आजकाल डिजिटल कैमरा ,मोबाइल फ़ोन, MP3 प्लेयर ,वीडियो क्यामकॉर्डर ,जीपीएस नैविगेटर्स,आदि अलगअलग डिवाइस में जानकारी स्टोर करने के लिए फ़्लैश मेमोरी कार्ड्स इस प्रकारकी मेमोरी डिवाइस का उपयोग किया जाता है। इसकी जानकारी सरलता से कंप्यूटर पर ट्रांसफर करते आती है। वैसेही जिस डाटा की जरूरत नहीं है उसे डिलीट करते आता है। वैसे ही मेमोरी कार्ड कैपेसिटी 2 GB से 64 GB तक रहसकती है( आकृति 6 देखे )।
कंप्यूटर इनपुट डिवाइस (Computer Input Devices In Hindi) का काम कंप्यूटर को कमांड देना है इनपुट डिवाइस कंप्यूटर तक आदेश को पोहचाते है उनके द्वारा हम कंप्यूटर को आदेश दे के कंप्यूटर को ऑपरेट या कोई भी डॉक्यूमेंट,इमेज को कॉपी या प्रिंट कर कर सकते है। कंप्यूटर इनपुट डिवाइस (Compute Input Device) का यही काम होता है की कंप्यूटर को उचित आदेश भेजे और कंप्यूटर उसे प्रॉसेस करके आउटपुट डिवाइस के द्वारा हमे पेश करे।
आज हम कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस (Computer Input Devices) के बारेमें जानेगे कीबोर्ड ,माउस,जॉयस्टिक,स्कैनर ,लाइट पेन ,टच स्क्रीन ,ट्रैकबॉल यह कैसे काम करते है और उनके उपयोग।
कंप्यूटर को ऑपरेट या सन्देश देने के लिए कीबोर्ड सबसे अधिक उपयोग में आता है इसके मद्त से हम कंप्यूटर को जल्दी से जल्दी सन्देश भेज सकते है इसमें हम शार्ट कर्ट की का उपयोग करके त्वरित रिजल्ट पासकते है।कीबोर्ड मंश अलग अलग प्रकार की की होती है जैसे फंक्शन की ,न्यूमेरिकल की ,शिफ्ट ,प्रिंट स्क्रीन ,पेज अप,कण्ट्रोल ,एंटर,टॅब,कैप्स लॉक ,स्पेस बार ,पेज डाउन ,डिलीट ,एरो की। इनमे Ps2 कीबोर्ड, यूएसबी कीबोर्ड, वायरलेस कीबोर्ड इन प्रकार के कीबोर्ड उपलब्ध है।
फंक्शन की कीबोर्ड की ऊपर की और रहती है उदाहरण:- F1 ,F2 ,F3 ,F4 ,F6 ,F7 ,F8 ,F9 ,F10 ,F11 ,F12 फंक्शन की का बोहत रेयर उपयोग किया जाता है। इनका उपयोग अलग अलग जगह कहि तरह से होता है जैसे की Ctrl +Fun +F5 से ब्राउज़र रिफ्रेश होता है।
न्यूमेरिकल की का उपयोग जोड़ ,घटना ,भाग ये कहिये की उनका गणितीय संख्या को लिखने के लिए किया जाता है इस कीपैड में Num Lock जो की इस पैड को बंद या चालू करती है। यह कीबोर्ड के दाई बाजु रहती है। उदाहरण:-0 -1 से 9 तक।
कीबोर्ड में हम शिफ्ट की का उयपोग छोटे अक्षर को बड़े अक्षर प्रिंट करने के लिए उयपोग में लाते इसके आलावा स्पेशल करेक्टर को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। और तो और शिफ्ट और डिलीट एक साथ दबाया जाय तो कोई फाइल ,इमेज ,फोल्डर हमेश के लिए डिलीट होजाते है वो रीसायकल बिन में सेव नहीं होते।
मोबाइल में हम जिस तरह स्क्रीन शार्ट का उयपोग करके पूरी स्क्रीन को प्रिंट कर लेते है उसी तरह यह भी की कंप्यूटर में स्क्रीन प्रिंट करने के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसे Ctrl +PrtScrt को दबाये उसके बाद वर्ड ओपन करके उसे पेस्ट करदे आपकी प्रिंट वहाँ दिखने लगेगी।
कंप्यूटर में पेज अप की का उपयोग पेज को निचे की और से ऊपर की और लेजाने के लिए किया जाता है।
उसी तरह कंप्यूटर में पेज डाउन की का उयपोग पेज को ऊपर की और से निचे के और लेजाने के लिए किया जाता है।
डिलीट की का उपयोग किसी भी डॉक्यूमेंट ,इमेज,सॉफ्टवेयर,सांग,वीडियो आदि को हटाने की लिए किया जाता है।
स्पेस बार का उयपोग डॉक्युमेंट या कोई टेक्स्ट लिखते वक़्त दो शब्द के मध्य जगह बनाना है।
कण्ट्रोल की का उपयोग बोहत होता है इसका उयपोग शार्ट कर्ट की के तोर पर किया जाता है जैसे की Ctrl +C के दबाने से कोई फाइल या इमेज भी कॉपी होजाती है।
टॅब की का उयपोग किसी भी पेज या काम पहले जैसे करने के लिए होता है।
एरो की का उयपोग ऊपर ,निचे ,दाये,बाये जाने के लिए किया जाता है।
माउस एक ऐसा इनपुट डिवाइस (Computer Input Device) है जिससे कंप्यूटर को ऑपरेट करना बोहत ही आसान होजाता है। माउस से कंप्यूटर के स्क्रीन पर कही भी पॉइंट कर सकते है। वहाँ मौजूद फाइल ,फोल्डर को उसपर पॉइंट करके सरलता से सेव ,डिलीट ,एडिट कर सकते है कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए माउस एक उत्तम माध्यम है।
माउस के तीन प्रमुख प्रकार है जोकि (१)ऑप्टिकल माउस इस माउस में एक लाइट सेंसर रहता है जब कोई यूजर इसको ऑपरेट करता है तब उसके सेंसर कंप्यूटर को उचित संकेत भेजते है और रिजल्ट पेश करते है। (२)वायरलेस माउस इन माउस में साधरण माउस की तरह वायर का उयपोग नहीं किया जाता वे वायरलेस रहते है। (३) मैकेनिकल माउस इन माउस में एक गोल गेंद की तरह पेंडुलम सा रहता है वे इसी की मद्त से कंप्यूटर को आज्ञा भेजता है।
जॉयस्टिक का आविष्कार खास करके गेम खेलने के लिए किया गया था जॉयस्टिक ये टेक्नोलॉजी अभी पुराणी हो गई है इसकी जगह गेम रिमोट ने लेली है।
स्कैनर का उयपोग किसी भी दस्तावेज को डॉक्यूमेंट की प्रतिलिपि लेना है उस प्रतिलिपि को कंप्यूटर में सेव करके रखसकते है और कहि भी इलेक्ट्रॉनिक रूप में भेज सकते है।
लाइट पेन का उयपोग किसी भी स्क्रीन को टच करने के लिए उसके फाइल या इमेज को ऑपरेट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
टच स्क्रीन में हम अपने कंप्यूटर या मोबाइल के सरफेस को अपने उंगलियों से टच करके ऑपरेट कर सकते है आज के डोर में यही टेक्नोलॉजी का उयपोग होरहा है।
ट्रैक बॉल यह इनपुट डिवाइस का उदाहरण है ट्रैक बाल का उयपोग खास तोर पर पोर्टेबल लैपटॉप और टेबलेट में उयपोग होता है यह एक चौकों बॉक्स में फिट होता है इसे इस्तमाल करने के लिए इसके सरफेस के चारो और पॉइंट करके किसी भी फाइल या दस्तावेजों को इस्तमाल कर सकते है।
कंप्यूटर (Computer) एक आउटपुट (Output) एंड इनपुट डिवाइस (Input Device) का संग्रह है इन सबको मिलाके कंप्यूटर की रचना की है। यूजर कंप्यूटर को आदेश देने के लिए इनपुट डिवाइस के मद्त से कमांड भेजता है कंप्यूटर उसे सिस्टम यूनिट और प्रोसेसर के जरिए प्रोसेस करके उचित रिजल्ट आउटपुट डिवाइस के जरिये हमे पेश करता है। आज इस लेख में हम कंप्यूटर के 5 आउटपुट डिवाइस (Output Devices Of Computer In Hindi) और वे कैसे काम करते है उनके फायदे (Advantages) और नुकसान (Disadvantages) जानेगे।
कंप्यूटर के द्वारा प्रोसेस किये हुवे डाटा को यूजर को दिखाना या रॉ मटेरियल के तौर कॉपी देना आउटपुट डिवाइस का काम होता है।आउटपुट संसाधित डेटा या जानकारी है। आउटपुट आमतौर पर टेक्स्ट, ग्राफिक्स, फोटो, ऑडियो और वीडियो के रूप में होता है। आउटपुट डिवाइस किसी भी हार्डवेयर का उपयोग आउटपुट प्रदान करने या बनाने के लिए किया जाता है। वे ऐसी जानकारी का अनुवाद करते हैं जिसे सिस्टम यूनिट द्वारा बीब प्रोसेस किया जाता है, जिसे मनुष्य समझ सकता है।
मॉनिटर में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला आउटपुट डिवाइस। रिज़ॉल्यूशन सबसे प्रभावशाली विशेषताओं में से एक है। चित्र पिक्सेल के डॉट्स की एक श्रृंखला द्वारा एक मॉनिटर पर बनते हैं।
डॉट पिच प्रत्येक पिक्सेल के बीच की दूरी है। ताज़ा दर इंगित करती है कि कितनी बार प्रदर्शित छवि अपडेट की जाती है या मॉनिटर पर फिर से देखी जाती है |
घर और कार्यालय के लिए राक्षस का सबसे पहला भाग। CRT प्रासंगिकताओं के आकार और प्रौद्योगिकी में समान हैं।
क्योंकि CRT का मॉनीटर भी आसानी से ले जाया जा सकता है। पोर्टेबल मॉनिटर जिसे फ्लैट फ्लैट पैनल मॉनिटर कहा जाता है। विकसित किए गए फ्लैट पैनल मॉनिटर बहुत पतले होते हैं और सीआरटी की तुलना में संचालित करने के लिए कम शक्ति की आवश्यकता होती है दो प्रकार के फ्लैट पैनल मॉनिटर होते हैं।
निष्क्रिय मैट्रिक्स या ड्यूल-स्कैन मॉनिटर, स्क्रीन को स्कैन करके एक चित्र बनाते हैं।
सक्रिय मैट्रिक्स या पतली फिल्म ट्रांजिस्टर (टीएफटी) मॉनिटर स्क्रीन को नीचे स्कैन नहीं करते हैं, प्रत्येक पिक्सेल स्वतंत्र रूप से सक्रिय होता है। अन्य मॉनिटर ई-पुस्तकें हैं। डेटा प्रोजेक्टर, उच्च निश्चित टेलीविजन (एचडीटीवी)।
आप शायद होम वर्क असाइनमेंट, फोटोग्राफ और वेब पेज प्रिंट करने के लिए कुछ फ्रीक्वेंसी वाले प्रिंटर का उपयोग करते हैं।
प्रिंटर के दो प्रकार है (1) नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर और (2) इम्पैक्ट प्रिंटर
स्याही जेट प्रिंटर सतह कागज पर उच्च गति पर स्याही स्प्रे करता है ।
लेजर प्रिंटर फोटोकॉपी मशीन में उपयोग की जाने वाली तकनीक के समान है। लेजर प्रिंटर उत्कृष्ट पत्र और ग्राफिक्स गुणवत्ता के साथ उम्र में उत्पादन करने के लिए एक लेजर लाइट बीम का उपयोग करते हैं।
एक थर्मल प्रिंटर हीट सेंसिटिव पेपर पर चित्र बनाने के लिए हीट एलिमेंट्स का उपयोग करता है। मूल रूप से ये प्रिंटर केवल डेटा रिकॉर्ड करने के लिए Scienntific lab में उपयोग किए गए थे।
* DOT MATRIX PRINTER - डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर :- वर्ण मैट्रिक्स से डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर और प्रिंट सिर पर छोटे पिंस की श्रृंखला की छवियां।
* PLOTTER - षड्यंत्रकारियों :- विशेष डिजिटल कैमरा की एक विस्तृत श्रृंखला के उत्पादन के लिए विशेष प्रयोजन प्रिंटर हैं।
* PHOTO PRINTE - फोटो प्रिंटर :- डिजिटल कैमरा से फोटो क्वालिटी इमेज को प्रिंट करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए हैं।
* PORTABLE PRINTER - पोर्टेबल प्रिंटर :- आमतौर पर छोटे और हल्के वजन वाले प्रिंटर नोटूक कंप्यूटर पोर्टेबल प्रिंटर के साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं जो इंक-जेट या लेजर प्रिंटर हो सकते हैं।
* AUDIO OUTPUT DEVICE - ऑडियो आउटपुट डिवाइस :- ऑडियो आउटपुट डिवाइस लोगों के लिए ध्वनियों का उत्पादन करते हैं। स्पीकर और हेडफ़ोन सबसे आम प्रकार हैं।
कई डिवाइस इनपुट और आउटपुट क्षमताओं को जोड़ती हैं। फ़ैक्सिमाइल ट्रांसमिशन मशीन के रूप में भी जानी जाने वाली फैक्स मशीन लगभग हर कार्यालय में एक मानक उपकरण है, मल्टीफ़ंक्शनल डिवाइस जिसे सभी एक डिवाइस में भी जाना जाता है, आमतौर पर स्कैनर, प्रिंटर, फ़ैक्स और कॉपी मशीन के कैपैबिलिटी को संयोजित करता है।
* TERMINALS - टर्मिनल :- टर्मिनल एक इनपुट और आउटपुट डिवाइस है जो आपको मेनफ्रेम या अन्य प्रकार के कंप्यूटर से जोड़ता है जिसे होस्ट कंप्यूटर या सर्वर कहा जाता है।
* DUMB TERMINAL - डंब टर्मिनल एक डंब टर्मिनल का उपयोग इनपुट और डेटा प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। लेकिन यह डेटा को स्वतंत्र रूप से संसाधित नहीं कर सकता है।
* INTELLGENT TERMINAL - अंतर्मुखी टर्मिनल :- अनिवार्य रूप से, एक बुद्धिमान टर्मिनल संचार सॉफ्टवेयर और टेलीफोन हुकअप या अन्य संचार लिंक के साथ एक माइक्रो कंप्यूटर है।
* TOUCH SCREEN - टच स्क्रीन टच स्क्रीन एक आउटपुट डिवाइस का प्रकार है टच स्क्रीन आज मोबाइल ,लैपटॉप,एलईडी टीवी ,आदि डिवाइस में उपलब्ध है टच स्क्रीन में सारे फीचर स्क्रीन में दिखाई दते है और उसे हम अपने उन्हलयो से ऑपरेट कर सकते है।
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